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2025: ज्वार (Sorghum): प्रमुख कीट, लक्षण एवं बचाव (Sorghum: Pests, Symptoms and Prevention)

ज्वार (Sorghum): प्रमुख कीट, लक्षण एवं बचाव (Sorghum: Pests, Symptoms and Prevention)

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भारत में ज्वार एक महत्वपूर्ण अनाज की फसल है, और यह कई प्रकार के कीटों से प्रभावित होती है जो फसल को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ज्वार के कुछ प्रमुख कीट कौन-कौन से हैं, उनके लक्षण क्या है और उनकी रोकथाम कैसे करें इसकी सम्पूर्ण जानकारी इस Blog पोस्ट में मिलेगी।

ज्वार में कैसे करें कीट प्रबंधन? How to manage pests in sorghum?

तना मक्खी (Stem Fly):

नियंत्रण:

तना छेदक(Cutworms) :

नियंत्रण :

फॉल आर्मीवर्म कीट (Fall Armyworm):

नियंत्रण:

ईयर हेड कैटरपिलर (Ear Head Caterpillar):

नियंत्रण:

सोरघम मिज (Sorghum Midge):

नियंत्रण:

एफिड्स (Aphids):

नियंत्रण:

आप ज्वार की फसल में कौन-कौन से कीटों से परेशान हैं? अपना जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट करके बताएं। इसी तरह की अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए ‘ Bihar Agro ‘ चैनल को अभी फॉलो करें। और अगर पोस्ट पसंद आयी तो इसे लाइक करके अपने किसान दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Questions (FAQs)

ज्वार (sorghum) का दूसरा नाम क्या है?

ज्वार को जोन्हरी, जुंडी आदि भी कहते हैं। इसके डंठल और पौधे को चारे के काम में लाते हैं और ‘चरी’ कहते हैं।

ज्वार (sorghum) की बुवाई कब की जाती है?

सिंचित इलाकों में ज्वार की फसल 20 मार्च से 1- जुलाई तक बो देनी चाहिए। जिन क्षेत्रों में सिंचाई उपलब्ध नहीं हैं वहां बरसात की फसल मानसून में पहला मौका मिलते ही बो देनी चाहिए। अनेक कटाई वाली किस्मों/संकर किस्मों की बीजाई अप्रैल के पहले पखवाड़े में करनी चाहिए।

ज्वार (sorghum) कितने दिन में उगती है?

हरे चारे की सबसे उन्नत किस्मों में से एक एमपी चरी भी है, ये दूसरा सबसे उन्नत ज्वार किस्म है जो हरे चारे की पैदावार के लिए उपयुक्त है। इस किस्म के ज्वार की पहली कटाई 55 से 60 दिन बाद ले सकते हैं। इसके बाद दूसरी कटाई के लिए 35 से 40 दिन का इंतजार कर सकते हैं।

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