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धान की खेती में एक बड़ी चुनौती होती है – खरपतवार (Weeds)। ये न केवल फसल से पोषण छीन लेते हैं बल्कि उत्पादन भी काफी घटा देते हैं। लेकिन अगर आप धान की बुवाई के 15 दिन बाद एक खास दवा बिस्पायरीबैक सोडियम (Bispyribac Sodium use in Paddy) का छिड़काव करें, तो फसल सुरक्षित रहेगी और उपज में शानदार बढ़त होगी।

बरसात का मौसम शुरू होते ही खेतों में बरसाती फसलों की बुवाई शुरू हो जाती है। इसमें आमतौर पर धान की फसल सबसे ज्यादा बोई जाती है। भारत में धान की खेती करने वाले किसान अपने खेतों में मुख्य फसल के रूप में धान की बुवाई करते हैं।
बुवाई के बाद फसलों के साथ खेतों में खरपतवार भी उगने लगते हैं, खरपतवार फसलों को मिलने वाले पोषक तत्वों का कुछ हिस्सा ले लेते हैं, जिससे फसलों की वृद्धि कम हो जाती है। जिसके कारण किसानों को फसल को पोषक तत्वों की आपूर्ति के लिए अतिरिक्त खर्च करना पड़ता है। धान की फसल में खरपतवार एक बड़ी समस्या है। ऐसे में किसानों को इसके नियंत्रण के लिए समय रहते जरूरी उपाय करना बेहद आवश्यक बन जाता है।
Paddy Farming Tips: भारत में धान की बुवाई के बाद खरपतवार की समस्या हमेशा बढ़ जाती है। कृषि वैज्ञानिक या कोई भी किसी विशेषज्ञ यहीं बताते हैं कि समय पर बिस्पायरीबैक सोडियम (Bispyribac Sodium) 10% एससी का छिड़काव जरूरी है।
बिस्पायरीबैक सोडियम (Bispyribac Sodium) :- बिस्पायरीबैक सोडियम एक चयनात्मक और प्रणालीगत शाकनाशी (selective and systemic herbicide) है। इसका मुख्य उपयोग धान की फसल में घास, सेज और चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। यह खरपतवारों की वृद्धि और विकास को रोककर उन्हें खत्म करता है, जबकि फसल को नुकसान नहीं पहुंचाता है।
बिस्पायरीबैक सोडियम (Bispyribac Sodium use in Paddy) इस्तेमाल करने की सही विधि
बिस्पायरिबैक सोडियम एक प्रणालीगत शाकनाशी है जो पूरे पौधे के ऊतकों में घूमता है और पौधे की वृद्धि के लिए आवश्यक एंजाइम एसिटोलैक्टेट सिंथेस (एएलएस) के उत्पादन में हस्तक्षेप करके काम करता है।
बिस्पायरिबैक सोडियम 10% WV SC के लाभ
- यह एक व्यापक स्पेक्ट्रम वाला पोस्ट-इमर्जेन्ट खरपतवारनाशक है।
- यह नर्सरी और मुख्य खेत में फैलने वाली घास, सेज और चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करता है।
- उत्कृष्ट फसल चयनात्मकता.
- आवेदन समय में लचीलापन
इस्तेमाल की विधि
खेत से पानी निकालें: दवा का छिड़काव करने से पहले खेत से पानी पूरी तरह निकाल दें। मिट्टी नम होनी चाहिए, लेकिन उसमें खड़ा पानी नहीं होना चाहिए।
मात्रा: आमतौर पर 80 से 120 मिलीलीटर बिस्पायरीबैक सोडियम (10% SC) को प्रति एकड़ 120-150 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव किया जाता है। हालांकि, सटीक मात्रा के लिए हमेशा उत्पाद के लेबल पर दिए गए निर्देशों का पालन करें।
छिड़काव:
- सही नोजल का प्रयोग करें: खरपतवारनाशकों के लिए फ्लैट फैन नोजल (Flat Fan Nozzle) या कट नोजल का इस्तेमाल करें। इससे दवा का छिड़काव समान रूप से होता है और पत्तियों पर बेहतर तरीके से फैलता है।
- समान छिड़काव: सुनिश्चित करें कि दवा का छिड़काव पूरे खेत में समान रूप से हो, ताकि कोई भी खरपतवार छूट न जाए।
- छिड़काव की दिशा: छिड़काव की दिशा खरपतवारों की तरफ रखें, ताकि दवा सीधे उन पर पड़े।
पानी कब भरें: दवा का छिड़काव करने के 48 से 72 घंटे (2-3 दिन) बाद खेत में फिर से पानी भर दें और अगले 7-10 दिनों तक 3-4 सेंटीमीटर पानी बनाए रखें। इससे खरपतवार पूरी तरह खत्म हो जाते हैं।
लक्षित फसलें, खरपतवार, और बिस्पायरिबैक सोडियम 10% WV SC की खुराक
फसलें) | लक्ष्य खरपतवार | खुराक/एकड़ (एमएल) | पानी में घोल (लीटर/एकड़) |
चावल | इचिनोक्लोआ क्रूसगैली, इचिनोक्लोआ कोलोनम, इस्केमम रूगोसम, साइपरस डिफोर्मिस, साइपरस इरिया, फिम्ब्रिस्टिलिस मिलियासिया, एक्लिप्टा अल्बा, लुडविगिया परविफ्लोरा, मोनोकोरिया वेजिनेलिस, अल्टरनेथेरा फिलोक्सेरोइड्स, स्फेनोक्लेसिया ज़ेलेनिका | 80-100 | 100-120 |
समय रहते करें नियंत्रण, नहीं तो भारी नुकसान (Avoid Yield Loss with Timely Herbicide Spray)
कई किसान समय पर खरपतवार नियंत्रण नहीं करते जिससे पौधे कमजोर हो जाते हैं। परिणामस्वरूप, उत्पादन घटता है और रोग लगने की आशंका बढ़ जाती है। 15 से 20 दिन के अंदर यदि सही समय पर खरपतवार का नियंत्रण किया जाए, तो फसल स्वस्थ और मजबूत बनती है।
खरपतवार नियंत्रण की जानकारी देते हुए कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) यहीं सुझाव देते हैं कि धान की फसल की बुवाई के कुछ दिन बाद खरपतवार धान के फसल की सबसे बड़ी समस्या बन जाती है। यह किसानों की मेहनत को लगभग आधा कर देती है। अगर समय रहते किसान खरपतवार पर नियंत्रण न करें तो इससे उत्पादन कम हो जाता है और किसान को मेहनत के साथ-साथ लागत का भी नुकसान उठाना पड़ता है।
बारिश के मौसम में यह समस्या और भी बढ़ जाती है। क्योंकि खरपतवार तेजी से फैलते हैं। अगर समय रहते इन पर नियंत्रण न किया जाए तो ये फसल को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि फसल की बुवाई के दो से तीन हफ्ते बाद खरपतवार नियंत्रण के लिए बिस्पायरीबैक सोडियम (Bispyribac Sodium) का छिड़काव बहुत जरूरी है।
इस दवा का करें छिड़काव – Bispyribac Sodium (Spray Bispyribac Sodium for Effective Weed Control)
धान के खेतों में खरपतवार खत्म करने के लिए Bispyribac Sodium 10% SC एक कारगर दवा है। यह खासकर घास जैसे खरपतवार (Monocot weeds) और कुछ चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों पर असरदार है।
खेतों में खरपतवार के नियंत्रण के लिए, फसल बोने के 2 से 3 हफ़्ते के अंदर बिस्पायरीबैक सोडियम (Bispyribac Sodium) दवा का छिड़काव करना ज़रूरी है। इसके लिए, किसानों को 100 मिली बिस्पायरीबैक सोडियम (Bispyribac Sodium) 10% एससी को 125 लीटर पानी में मिलाकर एक एकड़ में छिड़काव करना चाहिए। इससे सभी प्रकार के खरपतवार मर जाते हैं और फसलों को खरपतवारों से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है। धान खेतों में दवा का छिड़काव करने से पहले, किसानों इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि दवा और पानी की मात्रा का अनुपात सही हो। अगर दवा ज़्यादा होगी, तो यह धान के पौधों को नुकसान पहुँचा सकती है।
कैसे करें उपयोग:
- समय: बुवाई के 12–15 दिन बाद
- मात्रा: 100 मिलीलीटर प्रति एकड़
- पानी की मात्रा: 120–150 लीटर प्रति एकड़
- विधि: फ्लैट फैन नोजल से छिड़काव करें
- सावधानी: छिड़काव के समय खेत में 1–2 सेंटीमीटर पानी भरा होना चाहिए
क्यों है Bispyribac Sodium इतना असरदार?
- खरपतवार की कोशिकाओं के विकास को रोकता है
- फसल को नुकसान नहीं पहुंचाता
- एक बार छिड़काव करने पर 15–20 दिन तक असर रहता है
- आसान उपयोग और किफायती कीमत
किसान भाइयों के लिए सलाह:
- दवा खरीदते समय मूल उत्पाद ही लें और लोकल डुप्लीकेट से बचें
- सुबह या शाम के समय छिड़काव करें, जब धूप हल्की हो
- बारिश की संभावना न हो, तभी छिड़काव करें
बिस्पायरीबैक सोडियम (Bispyribac Sodium) उपयोग का सही समय
- खरपतवार की अवस्था: यह खरपतवारनाशी सबसे प्रभावी तब होता है जब खरपतवार 3 से 5 पत्तियों की अवस्था में हों। अगर खरपतवार बड़े हो जाते हैं तो इसका असर कम हो सकता है।
- धान की फसल की अवस्था:
- नर्सरी धान में: बुवाई के 10-12 दिन बाद।
- रोपित धान में (Transplanted Rice): रोपाई के 10-15 दिन बाद।
- सीधी बुवाई वाले धान में (Direct Seeded Rice): बुवाई के 15-25 दिन बाद।
बिस्पायरीबैक सोडियम (Bispyribac Sodium) सावधानियां
- सुरक्षा उपकरण: छिड़काव करते समय हमेशा मास्क, दस्ताने और चश्मा पहनें।
- भोजन और बच्चों से दूर: दवा को भोजन, पशु चारा और बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
- बारिश का प्रभाव: छिड़काव के 6 घंटे के भीतर अगर बारिश हो जाती है तो भी आमतौर पर इसका प्रभाव कम नहीं होता है।
- ओवरडोज से बचें: दवा की अत्यधिक मात्रा का उपयोग न करें, इससे फसल को नुकसान हो सकता है।
- भंडारण: दवा को ठंडी और सूखी जगह पर मूल डिब्बे में रखें।
बिस्पायरीबैक सोडियम धान के लिए सुरक्षित है और फसल पर इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है, बशर्ते इसका सही तरीके से और सही मात्रा में इस्तेमाल किया जाए।
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- 🌾 https://agriculture.gov.in/ – भारत सरकार कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट