BIHAR AGRO

गेहूँ का भंडारण और कीड़ों से बचाव के तरीके 2025 ?

गेहूँ का भंडारण और कीड़ों से बचाव के तरीके

Rate this post

अनाज के लिए भंडारण के लिए गृह को तैयार करें

Wheat storage methods | केंद्रीय जीवनाशी प्रबंधन केंद्र, के कृषि विशेषज्ञ बताते हैं की, ज्यादातर किसानों को भण्डारण की सही जानकारी न होने से 10 से 12 फीसदी तक अनाज दीमक, घुन, बैक्टीरिया, चूहों द्वारा नष्ट हो जाता है। सबसे पहले अनाज को रखने के लिए गोदाम की सफाई करके पुराने अवशेष आदि को बाहर निकालकर नष्ट कर देना चाहिए। दीवारों, फर्श और ज़मीन में अगर दरार हो तो उन्हे सीमेंट, ईंट से बंद करे दें, टूटी दीवारों की भी मरम्मत करा दें और भण्डारण के स्थान को २-३ दिनों तक सूखने और हवा लगने दें। जिससे भण्डारण के स्थान से नमी और दूसरे परजीवी नष्ट हो जायेंगे।

विशेषज्ञ बताते हैं की “अनाजों को अच्छी तरह से साफ-सुथरा कर धूप में सुखा लेना चाहिए, जिससे कि दानों में 10 फीसदी से अधिक नमी न रहने पाए। अनाज में ज़्यादा नमी रहने से फफूंद और कीटों का आक्रमण अधिक होता है। Wheat storage methods अनाज को सुखाने के बाद दांत से तोड़ने पर कट की आवाज़ करें तो समझना चाहिए कि अनाज भण्डारण के लायक सूख गया है।”

भारतीय गेहूँ अनुसंधान संस्थान की ओर से ये किस्में हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए सर्वोत्तम है |

Table of Contents

भंडारण करने से पहले गेहूँ की सफाई

गेहूँ को अच्छी तरह से साफ करके धूल, मिट्टी और छोटे कंकड़ निकाल लें।

कटाई के बाद धूप में 2-3 दिन सुखाएं ताकि अनाज में नमी न रहे।

भंडारण से पहले सही स्थान चुनें

अनाज को लकड़ी के तख्तों या बांस की चटाई पर रखें, जिससे नमी न लगे।

गोदाम को समय-समय पर साफ और कीटनाशक दवाओं से उपचारित करें।

गेहूँ भंडारण के लिए उपयुक्त बर्तन/संरचना और भंडारण के तरीके

ये भी पढ़ें- खेती क्या है और इसका व्यापक रूप क्या है ? (What is Agriculture) ?

कीड़ों से बचाव के उपाय

a. प्राकृतिक तरीके:

b. रासायनिक उपचार:

ज्यादा जानकारी के लिए यहां क्लिक करें

भंडारण गृह का चुनाव ऐसे करें

Wheat storage methods | भंडारण में सबसे पहली बात यह आती है कि आप भंडारण कहाँ कर रहे हैं। कृषि विशेषज्ञ बताते हैं, “भण्डारण के लिए वैसे भण्डार गृह का चयन करना चाहिए, जहाँ सीलन (नमी) न हो और चूहों से अन्न का बचाव किया जा सके।

भण्डार गृह हवादार हो और ज़रूरत पड़ने पर वायुरूद्ध भी किया जा सके। भण्डार गृह और धातु की कोठियों को साफ-सुथरा कर लेना चाहिए और कीटमुक्त करने के लिए मेलाथियान 50 फीसदी का पानी में 1:100 अनुपात में बने घोल को दीवारों और फर्श पर प्रति सौ वर्ग मीटर में 3 लेयर घोल की दर से छिड़काव करना चाहिए।”
विशेषज्ञ बताते हैं, बोरियों में अनाज भर कर रखने के पहले इन बोरियों को 20-25 मिनट तक खौलते पानी में डाल देना चाहिए। इसके बाद धूप में अच्छी तरह सूखा देना चाहिए Wheat storage methods अथवा छिड़काव के लिए बने मेलाथियान 50 फीसदी के घोल में बोरियों को डुबाकर फिर बाहर निकालकर सुखा लेना चाहिए।

ठीक से सूख जाने के बाद ही उसमें अनाज भरना चाहिए। अनाज से भरे बोरे को भण्डार गृह में रखने के लिए फर्श से 20 से 30 सेमी की ऊंचाई पर बाँस या लकड़ी के तख्ते का मंच तैयार कर लेना चाहिए और बहरी दीवार से कम-से-कम 75 सेमी की दूरी पर हो। बोरियों के छल्लियों के बीच भी 75 सेमी खाली जगह रखना फायदेमंद होता है। बादल छाए रहने, वर्षा होने या वातावरण में अधिक नमी रहने पर भंडारण Wheat storage methods नही करना चाहिए। पछुवा हवा चलते रहना भंडारण के लिए सही माना गया है।

नियमित जाँच और रखरखाव:

लंबे समय तक भंडारण के लिए:

गेहूँ का भंडारण और कीड़ों से बचाव से जुड़े 10 महत्वपूर्ण सवाल और उनके जवाब

1. गेहूँ का सही भंडारण सही ढंग से कैसे करें?

गेहूँ को अच्छी तरह धूप में सुखाकर ही भंडारित करें। धातु के ड्रम, प्लास्टिक कंटेनर या जूट के बोरे का उपयोग करें। भंडारण स्थल को सूखा, हवादार और साफ रखें।

2. गेहूँ को खराब होने से कैसे बचाया जा सकता है?

अनाज में 10 % से ज्यादा नमी होनी चाहिए। बोरे या ड्रम को लकड़ी के तख्तों या बांस के पट्टियों पर रखें, ताकि नमी न लगे। हर 25-30 दिन में गेहूँ की जांच करें।

3. गेहूँ में कीड़े लगने के मुख्य कारण क्या-क्या हैं?

भंडारण से पहले गेहूँ पूरी तरह सूखा नहीं होना। असामान्य ढंग से नमी और गर्मी के कारण कीटों का विकास। अनाज को खुले और असुरक्षित स्थान पर रखना।

4. गेहूँ में कौन-कौन से कीट लग सकते हैं?

घुन (Weevils) – ये गेहूँ के दाने को अंदर से खा जाते हैं। खपरा बीटल (Khapra beetle) – ये भूरे रंग के छोटे कीट होते हैं, जो गेहूँ को नुकसान पहुंचाते हैं। माइट्स (Mites) – ये छोटे जीव होते हैं जो अनाज में फफूंद लगा सकते हैं।

5. गेहूँ को कीड़ों से बचाने के लिए कौन-कौन से प्राकृतिक उपाय अपनाए जा सकते हैं?

नीम की पत्तियां गेहूँ में मिलाने से कीड़े नहीं लगते। सरसों का तेल या हल्दी मिलाने से भी बचाव होता है। भंडारण स्थल के आसपास तेजपत्ता, लहसुन, सूखी लाल मिर्च रखने से कीट दूर रहते हैं।

6. रासायनिक तरीके से कीटों से कैसे बचा जा सकता है?

एल्युमिनियम फॉस्फाइड (Phostoxin) की गोलियां उचित मात्रा में रखें। भंडारण स्थान पर मेलाथियॉन या साइपरमेथ्रिन का छिड़काव करें। कीट दिखने पर सौर उपचार (Sun Treatment) करें, यानी अनाज को फिर से धूप में सुखाएं।

7. क्या गेहूँ को एयरटाइट कंटेनर में रखा जा सकता है?

हाँ, एयरटाइट प्लास्टिक या धातु के डिब्बों में रखने से कीट और नमी से बचाव किया जा सकता है।

8. भंडारण के दौरान गेहूँ की नियमित देखभाल कैसे करें?

हर 15-20 दिन में अनाज की जांच करें। यदि किसी बोरे में कीट लग जाए, तो उसे अलग कर धूप में सुखाएं। नए और पुराने अनाज को अलग-अलग रखें।

9. क्या पुराना और नया गेहूँ एक साथ मिलाकर रखना सही है?

नहीं, नया और पुराना गेहूँ अलग-अलग भंडारित करना चाहिए, क्योंकि पुराने गेहूँ में पहले से कीट मौजूद हो सकते हैं, जो नए गेहूँ को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।

10. क्या गेहूँ भंडारण के लिए विशेष तापमान की आवश्यकता होती है?

हाँ, गेहूँ को 10-12°C के तापमान पर भंडारित करना सबसे अच्छा होता है। अधिक तापमान पर नमी और कीटों की संभावना बढ़ जाती है।

Exit mobile version