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भारत में खेती-किसानी (Farming) पहले से ही बढ़ती लागत और महंगे उपकरणों (Implements) की वजह से किसानों के लिए चुनौती बनी हुई थी। सरकार ने हाल ही में एग्रीकल्चर इम्प्लीमेंट्स और ट्रैक्टर (Tractor) पर GST कम करने का बड़ा फैसला लिया है। यह कदम सीधे तौर पर किसानों की जेब, खेती की लागत और उत्पादन पर असर डालने वाला है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि GST कटौती से किसानों को क्या फायदा होगा, ट्रैक्टर और अन्य कृषि यंत्रों की कीमत पर कितना असर पड़ेगा और खेती की लागत कितनी घटेगी।
जीएसटी कटौती क्या है? (What is GST Reduction?)
GST यानी Goods and Services Tax एक अप्रत्यक्ष कर है जो वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जाता है। जब किसी वस्तु या सेवा पर लगने वाला टैक्स कम कर दिया जाता है, तो उसे जीएसटी कटौती (GST Reduction) कहा जाता है। भारत में ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, पावर टिलर और अन्य कृषि उपकरणों पर पहले 12% से 28% तक GST लगता था। 22 सितम्बर 2025 से सरकार ने इन पर टैक्स दर घटाकर 5%–12% कर दी है।

इसका सीधा फायदा किसानों को मिलेगा क्योंकि अब उन्हें ट्रैक्टर और आधुनिक कृषि उपकरण पहले की तुलना में सस्ते मिलेंगे। उदाहरण के लिए, 10 लाख रुपये का ट्रैक्टर पहले 11.2 लाख तक पड़ता था, लेकिन अब वही ट्रैक्टर लगभग 10.5 लाख में उपलब्ध होगा। इससे किसानों की लागत घटेगी, खेती आसान होगी और उनकी आय में सुधार होगा।
संक्षेप में, जीएसटी कटौती एक ऐसा कदम है जो किसानों की जेब पर बोझ कम करता है, उन्हें आधुनिक तकनीक अपनाने का मौका देता है और कृषि उत्पादन को बढ़ावा देता है।
इसका सीधा असर यह है कि अब कृषि मशीनरी (Farm Machinery) सस्ती मिलेगी और किसानों का बोझ कम होगा।
ट्रैक्टर की कीमत पर असर (Impact on Tractor Price)
जब सरकार ट्रैक्टर पर GST कम करती है तो इसका सीधा असर उसकी कीमत पर पड़ता है। आमतौर पर ट्रैक्टर खरीदते समय किसान को बेस प्राइस के साथ टैक्स भी चुकाना पड़ता है, जिससे कुल कीमत काफी बढ़ जाती है। लेकिन जैसे ही GST दर घटती है, वही ट्रैक्टर सस्ता हो जाता है।
मान लीजिए एक ट्रैक्टर की कीमत 6 लाख रुपये है। अगर उस पर 12% GST लगता है तो किसान को लगभग 72,000 रुपये टैक्स देना पड़ता है। लेकिन अगर यही GST घटकर 5% हो जाए तो टैक्स सिर्फ 30,000 रुपये होगा। यानी किसान को करीब 40 हजार रुपये की सीधी बचत मिलेगी।
इस बचत से किसान दूसरे काम जैसे बीज, खाद या डीजल में पैसा लगा सकता है। इससे न केवल खेती आसान होगी बल्कि जेब पर भी कम बोझ पड़ेगा। ट्रैक्टर की कीमत घटने से ज्यादा किसान इसे खरीदने में सक्षम होंगे और उनकी खेती में आधुनिकता आएगी। कुल मिलाकर जीएसटी घटने से ट्रैक्टर की कीमत किसानों के लिए और भी किफायती हो जाती है।
भारत में हर साल 8-9 लाख ट्रैक्टर बिकते हैं और इनकी कीमत 5 लाख से लेकर 12 लाख तक होती है।
GST कम होने से ट्रैक्टर की कीमत पर सीधा असर पड़ेगा।
- पहले 10 लाख का ट्रैक्टर + 12% GST = 11.2 लाख
- अब वही ट्रैक्टर + 5% GST = 10.5 लाख
👉 यानी किसान को करीब 70,000 रुपये तक की बचत होगी।
सरकारी योजनाएँ और सहायता | Government Schemes and Support
- सीड ड्रिल और पैडी ड्रिल मशीन पर सब्सिडी उपलब्ध
- कृषि विभाग द्वारा प्रशिक्षण और डेमो प्लॉट
- ऑनलाइन जानकारी: भारत सरकार कृषि पोर्टल
- प्रेस इनफार्मेशन सरकारी रिलीज
अन्य कृषि उपकरणों पर असर (Impact on Other Agriculture Implements)
जीएसटी घटने का फायदा सिर्फ ट्रैक्टर तक सीमित नहीं है, बल्कि अन्य कृषि उपकरणों पर भी सीधा असर डालता है। किसान खेती में हल, बीज ड्रिल, रोटावेटर, थ्रेशर, पावर टिलर और धान रोपण मशीन जैसे कई यंत्र इस्तेमाल करते हैं। इन पर जब टैक्स दर कम होती है तो ये उपकरण सस्ते हो जाते हैं और किसान इन्हें आसानी से खरीद पाते हैं।
मान लीजिए कोई रोटावेटर 80,000 रुपये का है और उस पर 12% GST लगता है, तो कुल कीमत लगभग 89,600 रुपये होती है। लेकिन अगर जीएसटी घटकर 5% हो जाए तो यह मशीन 84,000 रुपये में मिल जाएगी। यानी किसान को लगभग 5,500 रुपये की बचत होगी। यह रकम कम लग सकती है, लेकिन जब किसान कई उपकरण खरीदता है तो कुल मिलाकर बड़ी राहत मिलती है।
उपकरण सस्ते होने से किसान खेती में आधुनिक तकनीक अपना पाते हैं। इसका फायदा यह होता है कि मेहनत कम लगती है, समय की बचत होती है और फसल की पैदावार भी बढ़ती है। इसलिए कहा जा सकता है कि अन्य कृषि यंत्रों पर GST घटाना किसानों के लिए खेती को और आसान और फायदे का सौदा बनाने जैसा है।
भारत में खेती के लिए पावर टिलर (Power Tiller), धान रोपण मशीन (Paddy Transplanter), थ्रेशर (Thresher), हार्वेस्टर (Harvester), सुपर सीडर (Super Seeder), हैप्पी सीडर (Happy Seeder), मल्चर (Mulcher) जैसे उपकरण इस्तेमाल होते हैं।
- पहले इन पर 18%–28% तक GST लगता था।
- अब घटकर 5%–12% हो गया है।
👉 नतीजा यह होगा कि **धान रोपण मशीन (₹2 लाख) अब ₹20–25 हजार सस्ती मिलेगी।
👉 हार्वेस्टर (₹25 लाख) पर किसानों को ₹2–2.5 लाख की बचत होगी।
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खेती की लागत पर असर (Impact on Farming Cost)
जीएसटी में कमी का खेती की लागत पर सीधा असर पड़ता है। जब बीज, खाद, कीटनाशक या कृषि उपकरणों पर लगने वाला टैक्स घटता है, तो किसान को ये सामान सस्ते दाम पर मिलने लगते हैं। इससे उत्पादन की लागत कम होती है और किसान को ज्यादा मुनाफा मिल पाने की संभावना बढ़ती है।
खासकर छोटे और मध्यम किसानों के लिए यह राहत काफी अहम साबित होती है। वे महंगे दाम की वजह से जो आधुनिक उपकरण या गुणवत्ता वाले बीज नहीं खरीद पाते थे, अब आसानी से खरीद सकते हैं। इससे न सिर्फ उनकी उपज की गुणवत्ता सुधरती है, बल्कि पैदावार भी बढ़ती है।
इसके अलावा, जब खेती की लागत घटती है तो मंडी में अनाज, फल या सब्जियों के दाम भी स्थिर रह सकते हैं, जिससे उपभोक्ताओं को भी फायदा होता है। मतलब, जीएसटी घटने से किसानों को राहत मिलती है, उपभोक्ताओं को सस्ता सामान मिलता है और अर्थव्यवस्था में सकारात्मक असर दिखाई देता है। इस तरह जीएसटी में कमी खेती को और टिकाऊ तथा किफायती बना सकती है।
खेती की सबसे बड़ी समस्या लागत (Cost of Farming) बढ़ना है।
GST कटौती के फायदे:
- ट्रैक्टर और उपकरण सस्ते मिलेंगे → पूंजी लागत (Capital Cost) घटेगी।
- खेत की तैयारी, बुवाई, कटाई और सिंचाई की लागत घटेगी।
- फसल उत्पादन (Crop Yield) बढ़ेगा क्योंकि मशीनों से काम जल्दी और बेहतर होगा।
- किसानों की आय (Farmer Income) में वृद्धि होगी।
किसानों को क्या फायदा होगा? (Benefits to Farmers)
जीएसटी में कटौती से किसानों को सीधा फायदा होगा क्योंकि खेती में लगने वाले सभी आवश्यक सामान—जैसे ट्रैक्टर, बीज, उर्वरक, खाद, और सिंचाई के उपकरण—की कीमतें कम हो जाएंगी। इसका मतलब किसानों को ये चीजें कम दामों में मिलेंगी जिससे उनकी खेती की लागत कम हो जाएगी और मुनाफा बढ़ेगा।
छोटे और मंझोले किसान जो पहले महंगी मशीनरी नहीं खरीद पाते थे, अब आसानी से ट्रैक्टर, हार्वेस्टर और ड्रिप सिंचाई जैसे आधुनिक उपकरण खरीद पाएंगे। इससे उनकी फसल की पैदावार और भी बढ़ेगी।
डेयरी उत्पादों पर भी टैक्स खत्म या कम हुआ है, जैसे दूध, पनीर, मक्खन, जिससे पशुपालन से जुड़े किसानों की आमदनी बढ़ेगी। इसके अलावा, मछली पालन, मधुमक्खी पालन और जैविक खेती जैसी क्षेत्रों को भी ये फायदा मिलेगा।
इस बदलाव से किसानों के पास ज्यादा नकदी बचेगी, जिससे वे खेती के अन्य खर्चों के लिए पैसे आसानी से जुटा सकेंगे। कुल मिलाकर, जीएसटी की कटौती से खेती सस्ती, आधुनिक और लाभकारी बनेगी, जिससे किसान खुशहाल होंगे और खेतों में नई जान आएगी। यह बदलाव किसानों के लिए सचमुच खुशखबरी है।
- कम कीमत पर आधुनिक मशीनें (Affordable Farm Machinery).
- खेती की लागत में कमी (Reduced Cost of Cultivation).
- उत्पादकता (Productivity) और पैदावार बढ़ेगी।
- किसान की आय (Income) बढ़ेगी।
- समय की बचत (Time Saving).
👉 सबसे बड़ा फायदा यह है कि छोटे और मध्यम किसान भी अब मशीनरी खरीद सकेंगे, जो पहले सिर्फ बड़े किसान या कॉन्ट्रैक्टर के पास होती थी।
कृषि अर्थव्यवस्था पर असर (Impact on Agricultural Economy)
- मशीनरी सस्ती होने से कृषि निवेश (Agri Investment) बढ़ेगा।
- कृषि उपकरणों का उत्पादन (Manufacturing) और बिक्री (Sales) बढ़ेगी।
- रोजगार (Employment) बढ़ेगा क्योंकि मशीन निर्माण कंपनियां और सर्विस सेंटर ज्यादा काम करेंगे।
- भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था (Rural Economy) मजबूत होगी।
सरकार और किसान संबंध (Government and Farmer Relations)
सरकार का यह कदम किसानों को सीधे राहत देने वाला है।
👉 किसानों का विश्वास सरकार पर बढ़ेगा।
👉 किसान नई तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित होंगे।
👉 डिजिटल एग्रीकल्चर (Digital Agriculture) और मैकेनाइजेशन (Mechanization) को बढ़ावा मिलेगा।
चुनौतियाँ अभी भी बाकी (Remaining Challenges)
हालांकि GST कम होना बड़ा कदम है, लेकिन अभी भी कुछ चुनौतियाँ हैं:
- मशीन खरीदने के लिए किसानों को कर्ज (Loan) की जरूरत पड़ेगी।
- डीजल और पेट्रोल की बढ़ती कीमतों का असर रहेगा।
- मशीनों की मेंटेनेंस (Maintenance) और स्पेयर पार्ट्स (Spare Parts) की लागत अभी भी ज्यादा है।
- किसानों को मशीन चलाने की ट्रेनिंग (Training) की कमी है।
भविष्य की उम्मीदें (Future Expectations)
- किसानों को और ज्यादा Subsidy और Loan सुविधा मिलनी चाहिए।
- कृषि मशीनरी पर इंश्योरेंस (Insurance) की सुविधा बढ़नी चाहिए।
- छोटे किसानों के लिए Custom Hiring Centres (CHC) को बढ़ावा देना जरूरी है।
- सरकार को समय-समय पर GST की समीक्षा करनी चाहिए।
निष्कर्ष (Conclusion)
GST में कटौती का असर सीधे किसानों की जेब और खेती की लागत पर पड़ेगा।
अब ट्रैक्टर और कृषि उपकरण सस्ते होंगे, जिससे खेती करना आसान और सस्ता होगा।
👉 किसान की आय बढ़ेगी, उत्पादन बेहतर होगा और कृषि अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
यह कदम सरकार की ओर से किसानों के लिए बड़ी राहत (Big Relief) है, लेकिन असली फायदा तभी मिलेगा जब लोन, ईंधन और ट्रेनिंग जैसी समस्याओं पर भी ध्यान दिया जाए।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
ट्रैक्टर पर अभी कितने प्रतिशत GST लगता है?
पहले ट्रैक्टर पर 12% GST लगता था, लेकिन सरकार ने इसे घटाकर 5%–12% कर दिया है।
क्या सरकार और सब्सिडी भी देगी?
कई राज्य सरकारें ट्रैक्टर और उपकरणों पर 40%–60% तक Subsidy देती हैं। जीएसटी कटौती और Subsidy मिलकर किसानों को दोहरा फायदा देंगे।
क्या डीजल और पेट्रोल की कीमतों पर असर पड़ेगा?
नहीं, जीएसटी कटौती सिर्फ मशीनरी पर है। ईंधन की कीमतें अलग से सरकार और अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भर करती हैं।
खेती पर इसका कितना असर होगा?
मशीनरी सस्ती होने से बुवाई, कटाई और फसल प्रबंधन आसान और तेज़ होगा। इससे पैदावार (Crop Yield) बढ़ेगी और खेती का मुनाफा (Profitability) भी बढ़ेगा।
क्या छोटे किसानों को भी फायदा होगा?
बिल्कुल, अब छोटे और मध्यम किसान भी कम कीमत पर मशीनें खरीद सकेंगे या कस्टम हायरिंग सेंटर (Custom Hiring Centres) से कम किराए पर ले सकेंगे।
किसानों को इस फैसले से क्या फायदा होगा?
किसानों को सस्ते दामों पर ट्रैक्टर और आधुनिक कृषि उपकरण मिलेंगे, खेती की लागत घटेगी और आय में वृद्धि होगी।
कौन-कौन से कृषि उपकरणों (Agriculture Implements) पर GST कम हुआ है?
पावर टिलर (Power Tiller), धान रोपण मशीन (Paddy Transplanter), थ्रेशर (Thresher), हार्वेस्टर (Harvester), सुपर सीडर (Super Seeder), हैप्पी सीडर (Happy Seeder), मल्चर (Mulcher) सहित कई उपकरणों पर GST दर कम हुई है।
क्या ट्रैक्टर की कीमत घट जाएगी?
हाँ, जीएसटी कम होने से 5 लाख से 12 लाख तक के ट्रैक्टर अब 50 हजार से 1 लाख रुपये तक सस्ते हो सकते हैं।