Wheat storage methods | पूरे बिहार में गेंहू, सरसों, चना, अलसी सहित अन्य रबी फसलों की कटाई लगभग शुरू हो गई है। फसलों की कटाई के बाद किसानों के पास सबसे बड़ी दिक्कत फसलों भंडारण की रहती है। कई बार किसानों को भंडारण की सही जानकारी न होने के कारण अनाज में नमी, दीमक, घुन और चूहे लग जाते है और अनाज बर्बाद हो जाता है। ऐसे में यदि किसान अपनी फसल का सही तरीके से भंडारण Wheat storage methods करें तो, वह अपनी फसल को लंबे समय तक सुरक्षित रख सकता है। अनाज को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए निम्न विधियों को अपना सकते है। जो की इस प्रकार से है :-
अनाज के लिए भंडारण के लिए गृह को तैयार करें
Wheat storage methods | केंद्रीय जीवनाशी प्रबंधन केंद्र, के कृषि विशेषज्ञ बताते हैं की, ज्यादातर किसानों को भण्डारण की सही जानकारी न होने से 10 से 12 फीसदी तक अनाज दीमक, घुन, बैक्टीरिया, चूहों द्वारा नष्ट हो जाता है। सबसे पहले अनाज को रखने के लिए गोदाम की सफाई करके पुराने अवशेष आदि को बाहर निकालकर नष्ट कर देना चाहिए। दीवारों, फर्श और ज़मीन में अगर दरार हो तो उन्हे सीमेंट, ईंट से बंद करे दें, टूटी दीवारों की भी मरम्मत करा दें और भण्डारण के स्थान को २-३ दिनों तक सूखने और हवा लगने दें। जिससे भण्डारण के स्थान से नमी और दूसरे परजीवी नष्ट हो जायेंगे।
विशेषज्ञ बताते हैं की “अनाजों को अच्छी तरह से साफ-सुथरा कर धूप में सुखा लेना चाहिए, जिससे कि दानों में 10 फीसदी से अधिक नमी न रहने पाए। अनाज में ज़्यादा नमी रहने से फफूंद और कीटों का आक्रमण अधिक होता है। Wheat storage methods अनाज को सुखाने के बाद दांत से तोड़ने पर कट की आवाज़ करें तो समझना चाहिए कि अनाज भण्डारण के लायक सूख गया है।”
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गेहूँ का सही तरीके से भंडारण करने और कीड़ों तथा फफूंदी से बचाने के लिए किसान ये उपाय अपनाए जा सकते हैं:

भंडारण करने से पहले गेहूँ की सफाई
गेहूँ को अच्छी तरह से साफ करके धूल, मिट्टी और छोटे कंकड़ निकाल लें।
कटाई के बाद धूप में 2-3 दिन सुखाएं ताकि अनाज में नमी न रहे।
- गेहूँ को अच्छी तरह सुखाएं:
भंडारण से पहले गेहूँ का नमी स्तर 12% से कम होना चाहिए। अगर नमी ज्यादा होगी, तो फफूंदी लगने और कीड़े पनपने का खतरा बढ़ जाता है। भंडारण स्थल को सूखा और हवादार रखें। - भंडारण स्थान की सफाई:
गोदाम या बिन (बर्तन) को अच्छी तरह साफ करें, पुराने अनाज के अवशेष हटाएं और कीटनाशक का छिड़काव अवश्य करें।
भंडारण से पहले सही स्थान चुनें
अनाज को लकड़ी के तख्तों या बांस की चटाई पर रखें, जिससे नमी न लगे।
गोदाम को समय-समय पर साफ और कीटनाशक दवाओं से उपचारित करें।
गेहूँ भंडारण के लिए उपयुक्त बर्तन/संरचना और भंडारण के तरीके
- हर्मेटिक (वायुरोधी) बैग या ड्रम:
प्लास्टिक या धातु के एयरटाइट कंटेनर में गेहूँ रखने से कीड़े और नमी नहीं घुस पाती। - पुराने तरीके:
मिट्टी के बड़े बर्तन (मटका) या लकड़ी के बिन में नीम की पत्तियाँ या सरसों का तेल लगाकर रख सकते हैं। - गोदाम (Warehouse):
बड़े पैमाने पर भंडारण के लिए ठंडे, सूखे और हवादार गोदाम का उपयोग करें। - प्लास्टिक या जूट के बोरे में अनाज को भरें और इन्हें लकड़ी के फट्टों पर रखें।
- एयरटाइट ड्रम या प्लास्टिक कंटेनर का भी उपयोग किया जा सकता है।
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कीड़ों से बचाव के उपाय
a. प्राकृतिक तरीके:
- नीम की पत्तियाँ या नीम का तेल:
गेहूँ के साथ नीम की सूखी पत्तियाँ या कपड़े में बाँधकर नीम का तेल रखें। - सरसों का तेल या लहसुन:
1 किलो गेहूँ में 5-10 मिली सरसों का तेल या हल्दी पाउडर मिलाएं या सूखे लहसुन की कलियाँ रखें। - सूखी लाल मिर्च या काली मिर्च या तेजपत्ता:
इनकी गंध कीड़ों को दूर रखती है।
b. रासायनिक उपचार:
- एल्युमिनियम फॉस्फाइड (फॉस्टोक्सिन टैबलेट):
बड़े भंडारण के लिए प्रयोग किया जाता है, लेकिन सावधानी से (विषैली गैस छोड़ता है)। यदि गेहूँ में कीड़े लगने लगे हैं, तो एल्युमिनियम फॉस्फाइड (Phostoxin) की गोलियां उचित मात्रा में रखें। - मैलाथियान या डेल्टामेथ्रिन पाउडर:
गेहूँ में मिलाकर रखा जा सकता है, लेकिन खाने से पहले अच्छी तरह धो लें। - डायटोमेसियस अर्थ (DE):
एक प्राकृतिक पाउडर जो कीड़ों को मारता है, लेकिन मनुष्यों के लिए सुरक्षित है। - भंडारण से पहले बोरों को 1-2% मेलाथियॉन घोल से छिड़काव करें।
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भंडारण गृह का चुनाव ऐसे करें
Wheat storage methods | भंडारण में सबसे पहली बात यह आती है कि आप भंडारण कहाँ कर रहे हैं। कृषि विशेषज्ञ बताते हैं, “भण्डारण के लिए वैसे भण्डार गृह का चयन करना चाहिए, जहाँ सीलन (नमी) न हो और चूहों से अन्न का बचाव किया जा सके।
भण्डार गृह हवादार हो और ज़रूरत पड़ने पर वायुरूद्ध भी किया जा सके। भण्डार गृह और धातु की कोठियों को साफ-सुथरा कर लेना चाहिए और कीटमुक्त करने के लिए मेलाथियान 50 फीसदी का पानी में 1:100 अनुपात में बने घोल को दीवारों और फर्श पर प्रति सौ वर्ग मीटर में 3 लेयर घोल की दर से छिड़काव करना चाहिए।”
विशेषज्ञ बताते हैं, बोरियों में अनाज भर कर रखने के पहले इन बोरियों को 20-25 मिनट तक खौलते पानी में डाल देना चाहिए। इसके बाद धूप में अच्छी तरह सूखा देना चाहिए Wheat storage methods अथवा छिड़काव के लिए बने मेलाथियान 50 फीसदी के घोल में बोरियों को डुबाकर फिर बाहर निकालकर सुखा लेना चाहिए।
ठीक से सूख जाने के बाद ही उसमें अनाज भरना चाहिए। अनाज से भरे बोरे को भण्डार गृह में रखने के लिए फर्श से 20 से 30 सेमी की ऊंचाई पर बाँस या लकड़ी के तख्ते का मंच तैयार कर लेना चाहिए और बहरी दीवार से कम-से-कम 75 सेमी की दूरी पर हो। बोरियों के छल्लियों के बीच भी 75 सेमी खाली जगह रखना फायदेमंद होता है। बादल छाए रहने, वर्षा होने या वातावरण में अधिक नमी रहने पर भंडारण Wheat storage methods नही करना चाहिए। पछुवा हवा चलते रहना भंडारण के लिए सही माना गया है।
नियमित जाँच और रखरखाव:
- गेहूँ को हर 15-20 दिन में चेक करें कि कहीं कीड़े या नमी तो नहीं लग रही।
- अगर गेहूँ गर्म महसूस हो, तो फैला कर हवा दें।
- यदि किसी बोरे में कीट दिखे, तो उसे अलग निकालकर सुखाएं और उपचार करें। संक्रमित अनाज को अलग कर दें।
लंबे समय तक भंडारण के लिए:
- धूप दिखाएँ:
समय-समय पर गेहूँ को सूखी धूप में फैलाकर नमी निकालें। - CO₂ उपचार:
वायुरोधी बैग में CO₂ गैस भरकर कीड़ों को मारा जा सकता है।
गेहूँ का भंडारण और कीड़ों से बचाव से जुड़े 10 महत्वपूर्ण सवाल और उनके जवाब
1. गेहूँ का सही भंडारण सही ढंग से कैसे करें?
गेहूँ को अच्छी तरह धूप में सुखाकर ही भंडारित करें। धातु के ड्रम, प्लास्टिक कंटेनर या जूट के बोरे का उपयोग करें। भंडारण स्थल को सूखा, हवादार और साफ रखें।
2. गेहूँ को खराब होने से कैसे बचाया जा सकता है?
अनाज में 10 % से ज्यादा नमी होनी चाहिए। बोरे या ड्रम को लकड़ी के तख्तों या बांस के पट्टियों पर रखें, ताकि नमी न लगे। हर 25-30 दिन में गेहूँ की जांच करें।
3. गेहूँ में कीड़े लगने के मुख्य कारण क्या-क्या हैं?
भंडारण से पहले गेहूँ पूरी तरह सूखा नहीं होना। असामान्य ढंग से नमी और गर्मी के कारण कीटों का विकास। अनाज को खुले और असुरक्षित स्थान पर रखना।
4. गेहूँ में कौन-कौन से कीट लग सकते हैं?
घुन (Weevils) – ये गेहूँ के दाने को अंदर से खा जाते हैं। खपरा बीटल (Khapra beetle) – ये भूरे रंग के छोटे कीट होते हैं, जो गेहूँ को नुकसान पहुंचाते हैं। माइट्स (Mites) – ये छोटे जीव होते हैं जो अनाज में फफूंद लगा सकते हैं।
5. गेहूँ को कीड़ों से बचाने के लिए कौन-कौन से प्राकृतिक उपाय अपनाए जा सकते हैं?
नीम की पत्तियां गेहूँ में मिलाने से कीड़े नहीं लगते। सरसों का तेल या हल्दी मिलाने से भी बचाव होता है। भंडारण स्थल के आसपास तेजपत्ता, लहसुन, सूखी लाल मिर्च रखने से कीट दूर रहते हैं।
6. रासायनिक तरीके से कीटों से कैसे बचा जा सकता है?
एल्युमिनियम फॉस्फाइड (Phostoxin) की गोलियां उचित मात्रा में रखें। भंडारण स्थान पर मेलाथियॉन या साइपरमेथ्रिन का छिड़काव करें। कीट दिखने पर सौर उपचार (Sun Treatment) करें, यानी अनाज को फिर से धूप में सुखाएं।
7. क्या गेहूँ को एयरटाइट कंटेनर में रखा जा सकता है?
हाँ, एयरटाइट प्लास्टिक या धातु के डिब्बों में रखने से कीट और नमी से बचाव किया जा सकता है।
8. भंडारण के दौरान गेहूँ की नियमित देखभाल कैसे करें?
हर 15-20 दिन में अनाज की जांच करें। यदि किसी बोरे में कीट लग जाए, तो उसे अलग कर धूप में सुखाएं। नए और पुराने अनाज को अलग-अलग रखें।
9. क्या पुराना और नया गेहूँ एक साथ मिलाकर रखना सही है?
नहीं, नया और पुराना गेहूँ अलग-अलग भंडारित करना चाहिए, क्योंकि पुराने गेहूँ में पहले से कीट मौजूद हो सकते हैं, जो नए गेहूँ को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
10. क्या गेहूँ भंडारण के लिए विशेष तापमान की आवश्यकता होती है?
हाँ, गेहूँ को 10-12°C के तापमान पर भंडारित करना सबसे अच्छा होता है। अधिक तापमान पर नमी और कीटों की संभावना बढ़ जाती है।