बीता कल 🌹

बीता कल 🌹

बीते कल की बातें छोड़ो
आज में जीते हैं ।
प्यारी प्यारी बातें करते
प्यार में जीते हैं।

जो पीछे राह में छूट गया
वो अपने हमसे रूठ गया
क्यों बीते कल को याद करें
किसके आगे फ़रियाद करें
जो रूठ गए हम अपने हमसे
फिर उन्हें मनाते हैं
बीते कल की बातें छोड़ो
आज में जीते हैं ।

एक सपना था जो टूट गया
तक़दीर भी हमसे रूठ गया
अपनी किस्मत पे क्यों रोए
क्यों व व्यर्थ समय बरबाद करें
फिर नई उमंगे साथ में लें
तक़दीर बदलते हैं ।

बीते कल की बातें छोड़ो
आज मैं जीते हैं ।

साधना

बाल कविता 🌹

शीर्षक -राजदुलारे

नयनों के तारे
माँ के दुलारे
नैना तो खोलो
जिद अपनी छोड़ो।

तारे भी छुप गए
सूरज भी उग गए
आया सबेरा
छट गया अंधेरा।

नभ में है लाली
धरती है प्यारी
नन्हीं सी किरणें
लगी मुस्कुराने।

भौरों की गुंजन
महकाये उपवन
उठो मेरे प्यारे
जीवन संवारे।

नई मंजिलें हो
दिशाएं नई हो।
रहो तुम मगन में
खिलो तुम गगन में।

🌹🌹 साधना 🌹🌹

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