जानिए 2025 में मक्का में लगने वाले रोग और उसके उपचार

जानिए 2025 में मक्का में लगने वाले रोग और उसके उपचार

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मक्का (Maize/Corn) एक अच्छी उपज देने वाली फसल है, लेकिन फसल तैयार होने तक , किसान को पूरे मौसम में पौधों के स्वास्थ्य की रक्षा करते रहना पड़ता है। पौधे के शुरुआती दौर में हमला करने वाले खरपतवारों के अलावा, कई कीट और रोगजनक हैं जो इसके जीवन चक्र के दौरान अलग-अलग समय पर मकई की वृद्धि और उत्पादन को खतरे में डाल सकते हैं।

किसान को फसल के बारे में जागरूक होना चाहिए और किसी भी नुकसान से बचने या उसे सीमित या खत्म करने के लिए जरूरी उपाय या कार्रवाई करनी चाहिए।

  1. मक्का (Maize/Corn) की फसल में तना छेदक कीट एक बड़ी समस्या है, जो फसल की वृद्धि को प्रभावित कर सकता है और उपज में कमी ला सकता है। यह कीट मक्के के तनों में छेद कर देता है, जिससे पौधे काफी कमजोर हो जाते हैं या सूख जाते हैं और पैदावार घट जाती है।
  • अक्सर खेत का दौरा करें, पौधों का सावधानीपूर्वक निरीक्षण करें और “कीट” और उसके प्रसार कोरोकने के लिए सही उपाय करें।
  • मकई (Maize/Corn) के कीटों के बढ़ाने वाले या बढ़ने में सहायक वजह और फसल के लिए आर्थिक सीमाओं के बारे में जागरूक रहें, ताकि आप हमेशा यह निर्धारित कर सकें कि आपको कब, कैसे और कौन सी उपाय करनी है।
  • रोग या कीट के संक्रमित होने से पहले उचित उपाय करने से पूरे क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले रसायनों की मात्रा कम हो सकती है और फसल सुरक्षा की प्रभावकारिता बढ़ सकती है।

मक्का (Maize/Corn)में लगने वाले साधारण और महत्वपूर्ण कीट

कुछ कीटों की प्राथमिकता होती है या मक्का के पौधों के विशिष्ट विकास चरणों के दौरान अधिक प्रचुर मात्रा में होते हैं, जबकि अन्य पूरे बढ़ते मौसम के दौरान मक्का के स्वास्थ्य को खतरे में डालते हैं।

मक्का (Maize/Corn)के प्रमुख कीट एवं उनका प्रबंधन।

1. तना छेदक (स्टेम बोरर) (Tana Chedak -Stem Borar)।

  • पहचान: यह कीट पौधे के तने में छेद करके अंदर ही अंदर खाता रहता है।
  • क्षति के लक्षण: पौधे का तना खोखला हो जाता है, पत्तियाँ पीली पड़ जाती हैं।
  • नियंत्रण के उपाय:
    • नीम आधारित कीटनाशकों का छिड़काव।
    • ट्राइकोग्रामा कार्डों का प्रयोग।
    • फसल चक्र अपनाएँ।

2. फलियाँ बेधक (इयरवर्म earwarm)।

  • पहचान: छोटे हरे रंग के कीट जो मक्का के दानों को नुकसान पहुँचाते हैं।
  • क्षति के लक्षण: फलियों में छेद, दाने खराब हो जाते हैं।
  • नियंत्रण के उपाय:
    • मच्छरदानी जैसी जाली से फलियों को ढक दें।
    • बीटी मक्का की प्रजातियाँ लगाएँ।
    • प्राकृतिक शत्रु कीटों को प्रोत्साहित करें।

3. पत्ती लपेटक (लीफ रोलर)।

  • पहचान: यह कीट पत्तियों को लपेटकर उनके अंदर रहता है।
  • क्षति के लक्षण: पत्तियाँ मुड़ जाती हैं, पौधे की वृद्धि रुक जाती है।
  • नियंत्रण के उपाय:
    • हाथ से प्रभावित पत्तियों को हटा दें।
    • नीम का तेल 2% का छिड़काव करें।

मक्का के प्रमुख रोग एवं उपचार ।

1. तुरचीआ रोग (टर्किशिया लीफ ब्लाइट)।

  • लक्षण: पत्तियों पर भूरे-बैंगनी धब्बे बन जाते हैं।
  • रोकथाम:
    • प्रतिरोधी किस्में जैसे प्रतिभा, नवजोत का प्रयोग करें।
    • खेत में जल निकासी का उचित प्रबंध करें।

2. डाउनी मिल्ड्यू।

  • लक्षण: पत्तियों पर सफेद पाउडर जैसा दिखाई देता है।
  • रोकथाम:
    • मेटालैक्सिल + मेन्कोज़ेब का छिड़काव।
    • रोगग्रस्त पौधों को उखाड़कर नष्ट कर दें।

3. पत्ती झुलसा रोग (लीफ ब्लाइट)।

  • लक्षण: पत्तियों के किनारे सूखने लगते हैं।
  • रोकथाम:
    • मैन्कोज़ेब 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।
    • संतुलित उर्वरक प्रयोग करें।

एकीकृत कीट प्रबंधन (आईपीएम) रणनीतियाँ।

  1. सांस्कृतिक विधियाँ:
    • समय पर बुवाई करें।
    • स्वस्थ बीज का प्रयोग करें।
    • खेत की नियमित निगरानी करें।
  2. यांत्रिक विधियाँ:
    • फेरोमोन ट्रैप लगाएँ।
    • प्रकाश पाश का प्रयोग करें।
    • हाथ से कीट एकत्रित करें।
  3. जैविक नियंत्रण:
    • ट्राइकोग्रामा, क्राइसोपरला जैसे परजीवी कीटों का प्रयोग।
    • नीम, लहसुन, मिर्च के घोल का छिड़काव।
  4. रासायनिक नियंत्रण (अंतिम विकल्प):
    • कीटनाशकों का विवेकपूर्ण प्रयोग।
    • छिड़काव करते समय सुरक्षा उपकरण पहनें।

नवीनतम तकनीकें एवं भविष्य की रणनीतियाँ।

  1. बीटी मक्का प्रौद्योगिकी: जैव प्रौद्योगिकी द्वारा विकसित कीट प्रतिरोधी किस्में।
  2. सटीक कृषि तकनीकें: ड्रोन द्वारा कीट निगरानी और लक्षित छिड़काव।
  3. जैव उर्वरकों का प्रयोग: माइकोराइजा और राइजोबियम जैसे लाभकारी सूक्ष्मजीव।
  4. जलवायु अनुकूलन रणनीतियाँ: बदलते मौसम के अनुरूप फसल प्रबंधन।

निष्कर्ष

मक्का Maize/Corn की खेती में कीट एवं रोग प्रबंधन एक समग्र दृष्टिकोण मांगता है। रासायनिक उपचारों पर निर्भरता कम करते हुए एकीकृत प्रबंधन रणनीतियाँ अपनाना आज की आवश्यकता है। जैविक विधियों, प्रतिरोधी किस्मों और नवीनतम तकनीकों के समन्वित प्रयोग से हम मक्का की उत्पादकता बढ़ा सकते हैं जबकि पर्यावरण संरक्षण भी सुनिश्चित कर सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

मक्का में तना छेदक की रोकथाम का सबसे प्रभावी तरीका क्या है?

जैविक नियंत्रण के लिए ट्राइकोग्रामा कार्डों का प्रयोग सबसे प्रभावी है, साथ ही बुवाई के 15-20 दिन बाद नीम आधारित कीटनाशक का छिड़काव करें।

मक्का की खेती में रासायनिक कीटनाशकों का कम से कम प्रयोग कैसे करें?

निम्न उपाय अपनाएँ:।
1. फसल चक्र अपनाएँ।
2. प्रतिरोधी किस्में बोएँ।
3. जैविक नियंत्रण विधियाँ प्राथमिकता दें।
4. खेत की नियमित निगरानी कर समय रहते नियंत्रण करें।

मक्का में डाउनी मिल्ड्यू रोग से कैसे बचें?

इसके लिए:
1. रोगरोधी किस्में लगाएँ।
2. बीज को मेटालैक्सिल से उपचारित करें।
3. खेत में जल भराव न होने दें।
4. फसल अवशेषों को नष्ट कर दें।

मक्का की फसल में कीटनाशक छिड़काव का सही समय क्या है?

छिड़काव सुबह या शाम के समय करें जब तापमान कम हो और हवा न चल रही हो। कीटों के जीवन चक्र के संवेदनशील चरण (अंडा या शिशु अवस्था) में छिड़काव सबसे प्रभावी होता है।

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