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परिचय (Introduction): धान की खेती भारत की सबसे प्रमुख खाद्यान्न फसल है। लेकिन रासायनिक उर्वरकों (Chemical Fertilizers) के ज्यादा इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरता (Soil Fertility) और फसल की गुणवत्ता पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। इसी वजह से कृषि विशेषज्ञ किसान भाइयों को जैविक और प्राकृतिक खेती (Organic Farming) अपनाने की सलाह देते हैं।
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कृषि विज्ञान केंद्र, नियामतपुर के विशेषज्ञों के अनुसार, सरसों की खली, जिसे आमतौर पर पशुओं के चारे के रूप में जाना जाता है, धान की खेती के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इसमें पौधों के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व प्राकृतिक रूप से मौजूद होते हैं। इसके उपयोग से धान के पौधों की बढ़वार (ग्रोथ) में जबरदस्त तेजी आती है, कल्लों की संख्या दोगुनी हो सकती है और फसल में कीटों का प्रकोप भी काफी हद तक कम हो जाता है। यह मिट्टी की उर्वरता को लंबे समय तक बनाए रखने में भी मदद करती है।
Paddy Farming Tips: धान की खेती में यूरिया-पोटाश का विकल्प – सरसों की खली का देसी जुगाड़

धान की खेती भारत की सबसे प्रमुख खाद्यान्न फसलों में से एक है। हर किसान चाहता है कि उसकी धान की पैदावार ज्यादा हो और लागत कम लगे। आमतौर पर किसान यूरिया और पोटाश जैसे रासायनिक उर्वरकों पर निर्भर रहते हैं, लेकिन लगातार इनके प्रयोग से मिट्टी की उर्वरता (Soil Fertility) कम हो रही है और मानव स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है।
कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) नियामतपुर के कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि किसान अगर चाहें तो जैविक और प्राकृतिक तरीके (Organic Methods) से भी अच्छी पैदावार ले सकते हैं। खासतौर पर धान की फसल में सरसों की खली (Mustard Cake) का इस्तेमाल एक बेहतरीन विकल्प है।
एक्सपर्ट की राय
डॉ. एनसी त्रिपाठी कहते हैं –
“धान की खेती में अगर किसान सरसों की खली का उपयोग करते हैं तो यह मिट्टी और पौधों दोनों के लिए फायदेमंद है। इससे पैदावार बढ़ती है और लागत घटती है। लंबे समय में यह मिट्टी को भी स्वस्थ बनाता है।”
धान की खेती में जैविक खेती क्यों जरूरी है? (Why Organic Paddy Farming is Important?)
- मिट्टी में जैविक कार्बन कम हो रहा है।
- कीटनाशक के कारण सूक्ष्मजीव मर रहे हैं।
- फसल का स्वाद और गुणवत्ता घट रही है।
- लागत बढ़ रही है और मुनाफा घट रहा है।
सरसों की खली क्या है? (What is Mustard Cake?)
सरसों की खली (Mustard Cake) तेल निकालने के बाद बचा अवशेष है। यह नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश और सल्फर का प्राकृतिक स्रोत है और धान की खेती की बढ़वार (Growth) के लिए बेहद फायदेमंद है।

सरसों की खली के फायदे (Benefits of Mustard Cake in Paddy Farming)
- पौधों की जड़ें मजबूत होती हैं।
- कल्ले (Tillers) ज्यादा निकलते हैं।
- कीट और रोगों का प्रकोप कम होता है।
- मिट्टी की जैविक उर्वरता (Soil Fertility) बढ़ती है।
- पैदावार में 20-25% तक बढ़ोतरी होती है।
सरसों की खली कब डालें? (Best Time to Apply Mustard Cake)
- धान की रोपाई से पहले खेत तैयार करते समय
- रोपाई के 20-25 दिन बाद पौधों के जमने पर
- कल्ले निकलने के समय अधिकतम लाभ के लिए

सरसों की खली का उपयोग कैसे करें? (How to Use Mustard Cake in Paddy Farming)
इसका इस्तेमाल करना बेहद आसान है। धान की रोपाई के बाद जब खेत में पानी भरा हो, तो प्रति एकड़ 5 से 7 किलोग्राम सरसों की खली को अच्छी तरह पीसकर पाउडर बना लें। इस पाउडर को पूरे खेत में समान रूप से छिड़क दें। आप इस प्रक्रिया को धान की रोपाई से पहले खेत तैयार करते समय भी अपना सकते हैं। यह सस्ता, सरल और प्रभावी तरीका अपनाकर किसान न केवल अपनी लागत घटा सकते हैं, बल्कि एक स्वस्थ और बंपर फसल भी प्राप्त कर सकते हैं।
- खेत में 3-4 इंच पानी भरें।
- 5 से 7 किलो सरसों की खली लें।
- इसे पीसकर बारीक पाउडर बना लें।
- पूरे खेत में समान रूप से छिड़कें।
- 2-3 दिन में पौधों को पोषण मिलना शुरू हो जाएगा।
रासायनिक उर्वरक बनाम सरसों की खली (Comparison)
उर्वरक का नाम | लागत (₹/एकड़) | असर का समय | मिट्टी पर असर | गुणवत्ता |
---|---|---|---|---|
यूरिया | 1500-2000 | 7-10 दिन | नकारात्मक | कम |
पोटाश | 2000-2500 | 10-15 दिन | नकारात्मक | मध्यम |
सरसों की खली | 1200-1500 | 20-25 दिन | सकारात्मक | बेहतर |

किसानों का अनुभव (Farmer Experience)
बिहार के किसानों ने बताया कि सरसों की खली का इस्तेमाल करने से उनकी फसल में 20-25% पैदावार बढ़ी और कीटों का हमला काफी कम हुआ।
सरकारी योजनाएं (Government Schemes)
- PM-Kisan योजना – नकद सहायता
- कृषि विभाग सब्सिडी – जैविक खाद पर छूट
- भारत सरकार कृषि पोर्टल देखें
FAQs (Google पर पूछे जाने वाले प्रश्न)
धान की खेती में सरसों की खली कितनी मात्रा में डालें?
एक एकड़ खेत में 5-7 किलो सरसों की खली पर्याप्त होती है।
क्या सरसों की खली से धान की पैदावार बढ़ती है?
हाँ, इससे पैदावार में 20-25% तक वृद्धि हो सकती है।
सरसों की खली कब डालें?
धान की रोपाई से पहले या 20-25 दिन बाद कल्ले निकलने के समय।
क्या सरसों की खली के साथ यूरिया देना जरूरी है?
नहीं, यह प्राकृतिक रूप से पर्याप्त पोषण देती है।