ग्राउंडनट्स (मूंगफली/Moongphali) की संपूर्ण गाइड: खेती से लेकर बाजार तक
आइये जानते है ग्राउंडनट्स (Groundnut) के बारे में पूरी जानकारी इस पोस्ट में
ग्राउंडनट्स (मूंगफली/Moongphali) क्या है? | What is Groundnut?
ग्राउंडनट्स (Groundnut), जिसे आमतौर पर मूंगफली भी कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण तेलहन फसल है जो भारत में बड़े पैमाने पर उगाई जाती है। यह न केवल तेल उत्पादन के लिए बल्कि खाद्य और चारे के रूप में भी उपयोगी है। इसका वैज्ञानिक नाम Arachis hypogaea है। यह खरीफ सीजन का एक मुख्य फसल है। यह फसल फैबेसी (Fabaceae) परिवार से संबंधित है। भारत में इसे ‘पॉर की फसल’ भी कहा जाता है क्योंकि यह गरीब किसानों के लिए आय का प्रमुख स्रोत है। ग्राउंडनट (मूंगफली) प्रोटीन (25-28%), तेल (45-50%) और विटामिन्स का बेहतरीन स्रोत है।
Table of Contents

ग्राउंडनट्स (मूंगफली/Moongphali) के प्रकार (Types of Groundnut).
ग्राउंडनट्स (Groundnut) की मुख्यतः तीन किस्में होती हैं:
1. बंच टाइप (Bunch Type) या स्प्रेडिंग टाइप (Spreading type)
- पौधे छोटे और घने होते हैं ।
- फलियाँ पौधे के आधार के पास लगती हैं ।
- प्रमुख किस्में:
- JL-24 (90-100 दिन में पकने वाली)
- TMV-2 (तेल की अधिक मात्रा)
- Kadiri-3 (सूखा सहनशील)
2. रनर टाइप (Runner Type) या अप्राइट टाइप (Upright/Bunch type):
- उत्पादन क्षमता अधिक होती है
- प्रमुख किस्में:
- पौधे जमीन पर फैलने वाले होते हैं।
- GG-20 (गुजरात में लोकप्रिय)
- TG 26 (उच्च तेल की मात्रा)
- TAG-24 (उच्च तेल की मात्रा)
3. सेमी-रनर टाइप (Semi-Runner Type)
- यह बंच और रनर का एक मिश्रित रूप है।
- उत्पादन क्षमता अधिक होती है ।
- प्रमुख किस्में:
- DRG-12 (गुजरात में लोकप्रिय)
- Girnar-1 (उच्च तेल उपज)
ग्राउंडनट्स (मूंगफली/Moongphali) के लिए उपयुक्त मिट्टी | Suitable Soil for Groundnut (Moongfali)
ग्राउंडनट्स (Groundnut) की अच्छी पैदावार के लिए निम्नलिखित मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है:
मिट्टी का प्रकार | विशेषताएं |
---|---|
रेतीली दोमट मिट्टी (Sandy loam soil) | जल निकासी अच्छी, जड़ विकास बेहतर |
हल्की लाल मिट्टी (Red sandy soil) | कम नमी में भी उपज देती है |
काली मिट्टी (Black soil) | अधिक उपजाऊ, परंतु जल निकासी जरूरी |
ग्राउंडनट्स (मूंगफली/Moongphali) के लिए उपयुक्त मिट्टी (Soil Requirements for Groundnut)
ग्राउंडनट्स (Groundnut) एक गर्म और शुष्क जलवायु वाली फसल है। ग्राउंडनट्स (Groundnut) की अच्छी पैदावार के लिए:
- आदर्श मिट्टी: बलुई दोमट मिट्टी (Sandy Loam Soil) सर्वोत्तम माना गया है।
- pH स्तर: 5.5 से 7.5 के बीच सर्वोत्तम माना गया है।
- मिट्टी की तैयारी:
- गहरी जुताई (20-25 cm) आवश्यक है।
- 5-10 टन/हेक्टेयर गोबर की खाद जरूरी।
- अच्छी जल निकासी आवश्यक है।
ग्राउंडनट्स (मूंगफली/Moongphali) की खेती के लिए जलवायु (Climate for Groundnut Cultivation)
- तापमान: 25°C से 35°C (अंकुरण के लिए 30°C अच्छी पैदावार के लिए आदर्श माना गया है।)
- वर्षा: 500-1000 mm (बारिश पर निर्भर खेती के लिए आवश्यक है।)
- पाले से बचाव: फूल आने के समय पाला फसल और उपज को खराब कर सकता है।
- फसल अवधि: 90 से 120 दिन
ग्राउंडनट्स (मूंगफली/Moongphali) प्रमुख फसल ऋतुएँ:
- खरीफ (जुलाई–अक्टूबर)
- रबी (नवंबर–फरवरी)
- गर्मी (मार्च–जून)
ग्राउंडनट्स (मूंगफली/Moongphali) के प्रमुख रोग और नियंत्रण (Diseases and Control Measures)
1. टिक्का रोग (Tikka/Leaf Spot Disease)
- लक्षण: पत्तियों पर काले-भूरे धब्बे
- नियंत्रण: मैन्कोजेब (2g/litre) का छिड़काव
2. कोलर रॉट (Stem Rot)
- लक्षण: तने का गलना
- नियंत्रण: ट्राइकोडर्मा का उपयोग
3. बड नेक्रोसिस (Bud Necrosis Virus)
- लक्षण: पौधे की नई कलियाँ सूख जाती हैं
- नियंत्रण: इमिडाक्लोप्रिड (0.5ml/litre) का छिड़काव
यहाँ ग्राउंडनट्स (मूंगफली) की सामान्य बीमारियाँ और उनके नियंत्रण उपायों की जानकारी टेबल फॉर्मेट में दी गई है:
अतिरिक्त सुझाव:
- फसल चक्र (Crop Rotation): गेहूं, मक्का या दलहनी फसलों के साथ फसल चक्र अपनाएँ।
- सिंचाई प्रबंधन: जलभराव से बचें, उचित जल निकासी का हमेशा ध्यान रखें।
- जैविक नियंत्रण: ट्राइकोडर्मा और नीम के उत्पादों का उपयोग करें।
- स्वस्थ बीज: हमेशा प्रमाणित और रोगरोधी बीजों का ही उपयोग करें।
यदि रोग गंभीर हो, तो स्थानीय कृषि विशेषज्ञ से सलाह लें।
👉ग्राउंडनट्स खेती के लिए पूरी जानकारी यहां पढ़ें
भारत में ग्राउंडनट्स (मूंगफली) उत्पादन के प्रमुख राज्य | Groundnut Producing States in India
भारत दुनिया में सबसे बड़ा ग्राउंडनट्स (Groundnut) उत्पादक देशों में से एक है। प्रमुख राज्य हैं:
राज्य | विशेषता |
---|---|
गुजरात | भारत का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य |
राजस्थान | खरीफ व रबी दोनों सीज़न में |
आंध्र प्रदेश | उन्नत किस्में और तकनीक |
कर्नाटक | रबी में बेहतर उत्पादन |
महाराष्ट्र | खरीफ में अधिक उत्पादन |
तमिलनाडु | गर्मी में भी उत्पादन संभव |
बिहार | हाल के वर्षों में बढ़ता रुझान |
ग्राउंडनट्स (मूंगफली/Moongphali) से मिलने वाले उत्पाद क्या-क्या हैं| Products from Groundnut
- मूंगफली तेल (Edible oil)
- मूंगफली बटर (Peanut Butter)
- मूंगफली चूरी / खली (Animal Feed)
- भुनी मूंगफली (Salty Peanuts)
- स्वीट्स और नमकीन (Sweets and Namkeen)
ग्राउंडनट्स की खेती के फायदे | Benefits of Groundnut Farming
- तिलहन मिशन के अंतर्गत सब्सिडी
- 90–120 दिन में फसल तैयार
- तेल के लिए उच्च मांग
- कम सिंचाई में भी बेहतर उत्पादन
- मिट्टी की उर्वरता बढ़ाती है (नाइट्रोजन फिक्सिंग)
ग्राउंडनट्स से जुड़े रोचक तथ्य (Interesting Facts)
- भारत में मूंगफली का 50% उपयोग तेल निकालने में होता है
- ग्राउंडनट के छिलके को जैविक खाद के रूप में प्रयोग किया जाता है
- सरकारी सब्सिडी के बारे में जानने के लिए कृषि मंत्रालय देखें
ग्राउंडनट्स (Groundnut) की खेती किसानों के लिए बहुत लाभदायक है, साथ ही मिट्टी, जल और जलवायु की सही समझ के साथ यह उत्पादन को कई गुना बढ़ा सकती है। भारत में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है। अगर किसान सही किस्म, उचित मिट्टी और जलवायु का चुनाव करते हैं और रोग नियंत्रण पर ध्यान देते हैं, तो ग्राउंडनट्स खेती से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। विदेशों में बढ़ रही इसकी माँग इस फसल को और भी महत्वपूर्ण बनता है।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
ग्राउंडनट (मूंगफली) की खेती के लिए सबसे अच्छा समय क्या है?
खरीफ सीजन: जून-जुलाई (बारिश के मौसम में)
रबी सीजन: अक्टूबर-नवंबर (सिंचित क्षेत्रों में)
ग्राउंडनट में पीले पत्ते क्यों होते हैं?
यह आयरन की कमी या फंगल इन्फेक्शन के कारण हो सकता है।
मूंगफली की खेती में कितना लाभ होता है?
एक हेक्टेयर से 20-25 क्विंटल उपज मिल सकती है, जिससे ₹80,000-₹1,00,000 तक की आमदनी हो सकती है।
सरकार की सहायता और योजनाएं | Government Schemes & Support
ग्राउंडनट्स (Groundnut) को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई योजनाएं चलाती है:
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन – तिलहन
ई-NAM पोर्टल द्वारा ऑनलाइन बिक्री