धान के बेहतरीन उत्पादन के लिए किसान कैसे करें नर्सरी की तैयारी

धान के बेहतरीन उत्पादन के लिए किसान कैसे करें नर्सरी की तैयारी

Paddy Farming

कृषि अनुसधान के विशेषज्ञ का कहना है कि धान की लंबी अवधि वाली किस्मों की पौध लगाने का यह सबसे अच्छा समय है। लेकिन जो धान कम अवधि में उगाया जाता है उस किस्मों की पौध अभी नहीं बोनी चाहिए। अगर किसान पौध लगाते समय अच्छी किस्मों का चयन करें और पौध लगाने से पहले बीज और मिट्टी पर शोध करें तो किसानों की धान की फसल में कीट नहीं लगेंगे और पैदावार भी अच्छी होगी। किसान की उन्नति ही हमारे देश का आधार है।

जून के पहले या दूसरे सप्ताह से धान की रोपाई शुरू हो जाती है। ऐसे में किसानों को धान की रोपाई से पहले पौध तैयार करनी होती है। धान विशेषज्ञों का कहना है कि धान की अच्छी पैदावार लेने के लिए पौधों का स्वस्थ और बेहतर होना बहुत महत्वपूर्ण है। पौध लगाते समय किसानों को बीजो के उपचार के साथ-साथ बीज मृदा शोधन भी करना चाहिए, जिससे पौधे में कीट नहीं लगेंगे। स्वस्थ पौध से लगाई गई धान की फसल भी बंपर उत्पादन देगी।

नर्सरी बुवाई से पहले जरूरी है भूमि शोधन ।

कृषि अनुसधान के विशेषज्ञ बताते हैं कि धान के पौधे लगाने से पहले खेत की अच्छी तरह से जुताई कर मिट्टी को भुरभुरा बना लेना चाहिए । साथ ही दो किलोग्राम ट्राइकोडर्मा प्रति एकड़ की दर से डालकर खेत को तैयार कर लेना चाहिए । फिर लगभग खेत में एक मीटर की चौड़ाई वाली क्यारियां बना लें। क्यारियों की लंबाई किसान अपनी सुविधानुसार खेत के लम्बाई और चौड़ाई के हिसाब से भी रख सकते हैं। विशेषज्ञ के अनुसार क्यारियां बनाकर पौधे लगाने से पानी की खपत को कम किया जा सकता है। साथ ही किसान क्यारियों की मेड़ पर बैठकर खरपतवार प्रबंधन भी कर पाएंगे। इससे पौधे की उपज बढ़ेगी और पौधे खराब नहीं होंगे।

धान की नर्सरी लगाने के लिए कितना बीज है जरूरी?

कृषि अनुसंधान के विशेषज्ञों का कहना है कि खेत को अच्छी तरह से तैयार करने के साथ-साथ धान की किस्म का चयन करना बहुत जरूरी है। किसानों को अपने क्षेत्र के लिए स्वीकृत किये गए धान के किस्मों का ही चयन करना चाहिए। धान की स्वीकृत किस्मो को जानने के लिए किसान कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) जा सकते हैं। एक हेक्टेयर धान लगाने के लिए 20 से 25 किलो धान के पौधे तैयार करना चाहिए। बारीक धान और संकर किस्मों के लिए करीब 15 से 17 किलो बीज की जरूरत होती है।

बीज का चयन और शोधन है बेहद जरूरी

कृषि अनुसंधान के विशेषज्ञों का कहना है गलत बीज का चयन और बिना शोधन किये बीज इस्तेमाल करने से हर बार किसानों को लाखों का नुकसान उठाना पर सकता है। कृषि विशेषज्ञों कि माने तो हमेशा प्रमाणित कंपनी से बीज खरीदकर उसे पानी में भिगो दें। प्रति किलो बीज में 2.5 ग्राम कार्बेन्डाजिम पानी में अवश्य मिला दें। 24 घंटे तक बीज को पानी में भिगोने के बाद उसे पानी से निकाल कर बोरी या पुआल से ढक दें। ढकने के बाद जब हल्का अंकुर निकलने लगे तो तैयार खेत में पानी छोड़कर धान के बीज को बिखेर दें। खेत में नमी का हमेशा ख्याल रखें। बिखेरे गए बीजों को चिड़िया से बचाएँ।

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किसान को कितनी मात्रा में उर्वरक डालना चाहिए ?

किसान को धान की रोपाई से लगभग 25 से 30 दिन पहले नर्सरी तैयार कर लेनी चाहिए। जिस खेत में नर्सरी उगाई जा रही है, उसे कुछ दिन पहले जोतकर खुला छोड़ देना चाहिए। उसके बाद नर्सरी की अच्छी वृद्धि के लिए 1000 वर्ग मीटर क्षेत्र में जुताई के समय 10 क्विंटल सड़ी हुई गोबर की खाद, 10 किलो डीएपी, 2.5 किलो जिंक सल्फेट मिट्टी में मिला देना चाहिए। इसके बाद 10 किलो यूरिया का छिड़काव कर देना चाहिए। इससे पौधे हरे-भरे रहेंगे। पौधे जल्द ही रोपाई के लिए तैयार हो जाएंगे। किसान को ज्यादा से ज्यादा कम्पोस्ट खाद का ही इस्तमाल करना चाहिए। जिससे खेतों की मदद करने वाले कीड़े नहीं मरेंगे और उपज भी बढ़ेगी।

धान की नर्सरी लगाने के लिए कितना बीज जरूरी है ?

कृषि अनुसंधान के विशेषज्ञों का कहना है कि खेत को अच्छी तरह से तैयार करने के साथ-साथ धान की किस्म का चयन करना बहुत जरूरी है। किसानों को अपने क्षेत्र के लिए स्वीकृत किये गए धान के किस्मों का ही चयन करना चाहिए। धान की स्वीकृत किस्मो को जानने के लिए किसान कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) जा सकते हैं। एक हेक्टेयर धान लगाने के लिए 20 से 25 किलो धान के पौधे तैयार करना चाहिए। बारीक धान और संकर किस्मों के लिए करीब 15 से 17 किलो बीज की जरूरत होती है।

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